शेयर बाजार में पीई अनुपात क्या होता है

June 6, 2024 Trading 4 min read

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हैं, तो पीई अनुपात के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। बाजार से हम कोई भी सामान उसकी कवालिटी से समझौता किए बगैर कम कीमत पर खरीदते हैं, क्योंकि इससे हमें फायदा होता है। उसी तरह शेयर बाजार से भी हमें अच्छे शेयर सस्ते में खरीदना चाहिए। इससे मुनाफे की संभावना ज्यादा रहती है। 

शेयर बाजार में शेयरों की बाजार कीमत तो हम सब जानते हैं। लेकिन, सवाल है कि जो शेयर हम खरीदने जा रहे हैं या फिर बेचने जा रहे हैं, वह सस्ता है या महंगा है, इसको कैसे जानेंगे। वहीं दूसरी ओर, अगर आपको किसी एक ही सेक्टर या एक ही इंडस्ट्री की दो कंपनियों के शेयरों में से किसी एक कंपनी का शेयर सस्ता है, ये पता करना हो, तो कैसे करेंगे। 

हमारी इन दोनों समस्याओं का समाधान करता है पीई अनुपात यानी प्राइस (कीमत) टू अर्निंग (कमाई) अनुपात। शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला अनुपात पीई अनुपात है। ये अनुपात किसी भी कंपनी के शेयर की कीमत और उसकी प्रति शेयर कमाई को दर्शाता है। शेयर बाजार पर लिस्ट शेयरों के मामले में ही पीई अनुपात काम करता है। स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर जब हम किसी शेयर के बारे में सर्च करते हैं, तो उस शेयर के पीई अनुपात की भी जानकारी मिल जाती है।  

सवाल है कि निवेशकों के लिए पीई अनुपात का क्या मतलब है, किसी शेयर का पीई अनुपात कैसे पता करते हैं और फायदेमंद शेयरों को चुनने में पीई अनुपात निवेशकों को कैसे मदद करता है?  

> पीई अनुपात की गणना कैसे करें:

पीई अनुपात किसी कंपनी के शुद्ध लाभ से संबंधित उसके शेयर के मार्केट वैल्यू का एक माप है। नीचे दिए गए फॉर्मूले से किसी भी शेयर का पीई अनुपात पता किया जाता है। 

पीई अनुपात =शेयर की बाजार कीमत/प्रति शेयर आय

प्रति शेयर आय = कंपनी का कुल शुद्ध लाभ / शेयरों की कुल संख्या

इसकी गणना करने के लिए, प्रति शेयर आय (ईपीएस) द्वारा मौजूदा स्टॉक मूल्य को बांटा जाना चाहिए। कंपनी के स्टॉक के मौजूदा ट्रेडिंग वैल्यू और मौजूदा स्टॉक वैल्यू (पी) को आप बीएसई या एनएसई की वेबसाइट से ऑनलाइन इकट्ठा कर सकते हैं। 

यह अनुपात शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला अनुपात है। शेयर बाजार के सफल निवेशक इस अनुपात का हमेशा इस्तेमाल करते हैं। यह अनुपात किसी भी शेयर की कीमत और उसकी प्रति शेयर अर्निंग यानी प्रति शेयर कमाई के अनुपात की जानकारी देता है। 

>पीई अनुपात के जरिये कंपनियों की तुलना कैसे करें:

जानकारों के मुताबिक, पीई अनुपात एक ही सेक्टर या एक ही इंडस्ट्री की कंपनियों के शेयरों की बाजार कीमतों की तुलना करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इन कपनियों को एक ही सामाजिक–आर्थिक कारकों के संपर्क में होना चाहिए। 

मान लिया दो कंपनियां कंपनी A और कंपनी B अपने सामान को 100 रुपये में बेच रही हैं, तो दोनों का पीई अनुपात अलग अलग हो सकता है। ऐसा इसलिये क्योंकि यह दोनों कंपनियों को होने वाले मुनाफे और प्रत्येक कंपनी के शेयर कैसे बढ़े, इस पर निर्भर करता है। दोनों कंपनियों की कमाई और दोनों कंपनियों के शेयरों की कीमत अलग-अलग हो सकती है। 

जैसे, मान लिया A ने प्रति शेयर 20 रुपये की आय की जानकारी दी, इसका अर्थ है उस कंपनी का पीई अनुपात 5 (100/20) होगा और दूसरी ओर, B की प्रति शेयर आय 30 रुपये है, तो इसका पीई अनुपात 3.33 (100/33) होगा। 

इस लिहाज से B सस्ता हुआ यानी निवेशक B के शेयरों को खरीदना पसंद करेंगे, क्योंकि इसमें आरओआई यानी निवेश पर रिटर्न अधिक है। वहीं दूसरी ओर B के मुकाबले A महंगा हुआ। 

>पीई अनुपात 8, 10 या 15 का निवेशकों के लिए मतलब?

मान लिया कि X कंपनी का पीई अनुपात 8 है, Y का 10 है और Z का 15 है, तो निवेशकों के लिए आसान शब्दों में इसका क्या मतलब हुआ। 8 पीई अनुपात का मतलब है कि कंपनी द्वारा अर्जित एक रुपये के लाभ के लिए निवेशक शेयर 8 रुपए में खरीदने के लिए तैयार हैं। 10 पीई अनुपात का अर्थ है, शेयर कंपनी के एक रुपये के लाभ के लिए निवेशकों को 10 रुपये में बेचा जा रहा है, जबकि 15 पीई अनुपात का मतलब है कि निवेशक कंपनी के एक रुपए के लाभ के लिए उसका शेयर 15 रुपए में खरीदने को तैयार हैं।  

>कम और ज्यादा पीई अनुपात का मतलब क्या है:

पीई अनुपात से एक ही इंडस्ट्री की कंपनियों के वैल्युएशन की तुलना की जाती है। इससे ये देखा जाता है कि कोई भी शेयर फंडामेंटली मौजूदा कीमत के आधार पर दूसरे शेयर के मुकाबले सस्ता है या महंगा। किसी भी शेयर के अधिक पीई अनुपात का मतलब है कि उसका वैल्युएशन अधिक है यानी शेयर मौजूदा कीमत पर महंगा है और अपने फंडामेंटल से आगे चल रहा है। इसका दूसरा मतलब भी है कि बाजार उस कंपनी से आगे अच्छे ग्रोथ की उम्मीद कर रहा है।

कम पीई अनुपात का मतलब शेयर का फंडामेंटल के मुकाबले सस्ता होना या कम वैल्युएशन होता है। कंपनी के खराब प्रदर्शन की वजह से भी कम पीई अनुपात मुमकिन है। 

जानकारों की मानें तो पीई अनुपात से हम जान सकते हैं कि अगर शेयर सस्ता है तो उसे खरीदा जा सकता है और अगर महंगा है तो उसे बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है या अगर इसमें और पैसा लगाना चाहते हैं तो कुछ गिरावट का इंतजार करें।

कंपनी के पीई अनुपात से हम पता लगा सकते हैं कि निवेशक मौजूदा कीमत कंपनी के शेयर बेच रहे हैं या खरीद रहे हैं। किसी कंपनी का पीई अनुपात जितना अधिक होता है, निवेशकों के लिए शेयर खरीदना उतना ही महंगा होता है, इसलिए आप कह  सकते हैं कि अगर किसी कंपनी का पीई अनुपात बढ़ता है, तो इसके शेयरों का मूल्य भी बढ़ जाएगा। 

दूसरी ओर, अगर किसी कंपनी का पीई अनुपात कम हो जाता है, तो इसका शेयर मूल्य भी कम हो जाएगा। 

>निवेशक पीई अनुपात का इस्तेमाल कैसे करें:

शेयर बाजार में हम शेयर में पैसा लगाते हैं। लेकिन, सही शेयर चुनना काफी मुश्किल काम होता है। जानकारों का मानना है कि पीई अनुपात निवेशकों को शेयर चुनने में मदद करते हैं। निवेशकों के लिए कम पीई अनुपात वाली किसी अच्छी कंपनी का शेयर अच्छा निवेश हो सकता है। कम पीई अनुपात से पता चलता है कि कंपनी की कमाई के मुकाबले उसके शेयर की कीमत कम है। वहीं, अधिक पीई अनुपात दर्शाता है कि कंपनी की कमाई की तुलना में उसके शेयर की कीमत अधिक है। 

निष्कर्ष: पीई अनुपात यह तो बताता है कि कोई भी शेयर या इंडेक्स सस्ता है या महंगा, लेकिन यह अपने आप में किसी भी शेयर को बेचने या खरीदने का संकेत नहीं देता है। इसलिये केवल पीई अनुपात के आधार पर किसी भी शेयर में पैसा लगाने या उस शेयर को बेचने का फैसला मत करें।  

अस्वीकरण: इसे शेयर बाजार में ट्रेडिंग की सलाह मत मानें। यह जानकारी के लिए है। शेयर बाजार में निवेश के लिए अपने वित्तीय सलाहकार की मदद लें।


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